एक घोंसला में एक बूढ़ा उल्लू रहता था। वह आए दिन अपने आसपास घटनाएं होते देखता था।कल उसने एक लड़के को एक बूढ़े आदमी का एक भारी टोकरी ले जाने में मदद करते देखा।आज उसने एक लड़की को अपनी माँ पर चिल्लाते देखा। जितना ज्यादा देखता था उतना ही कम बोलता था।




वह जितना कम बोलता था, वह उतना ही अधिक सुनता था।  उसने लोगों को बातें करते और कहानियाँ सुनाते हुए सुना।  उसने एक महिला को यह कहते सुना कि एक हाथी पेड़ पर कूद गया।  उसने एक आदमी को यह कहते हुए भी सुना कि उसने कभी गलती नहीं की।

 बूढ़े उल्लू ने लोगों के साथ जो हुआ उसके बारे में देखा और सुना था।  कुछ बेहतर हो गए और कुछ बदतर हो गए।  लेकिन बूढ़ा उल्लू हर दिन समझदार होता गया।


कहानी का नैतिक :

आपको चौकस रहना चाहिए, कम बोलना चाहिए लेकिन अधिक सुनना चाहिए। यह आपको एक बुद्धिमान व्यक्ति बना देगा।