एक गांव में किराना की दुकान था। उस किराने की दुकान में बहुत सारे चूहे रहते थे। उनके लिए भोजन प्रचुर मात्रा में था।  उन्होंने सब कुछ खा लिया और सारा थैला खराब कर दिया।  उन्होंने दुकान की रोटी, बिस्कुट और फल भी बर्बाद कर दिए खा कर।



 दुकानदार सचमुच चिंतित हो गया।  तो उसने सोचा मुझे एक बिल्ली खरीदनी चाहिए और उसे किराना में रहने देना चाहिए। तभी मैं अपनी चीजों को बचा पाऊंगा।

उसने एक अच्छी बड़ी मोटी बिल्ली खरीदी और उसे वहीं रहने दिया। बिल्ली के पास चूहों का शिकार करने और उन्हें मारने का अच्छा समय था। चूहे अब स्वतंत्र रूप से नहीं चल सकते थे। उन्हें डर था कि कभी भी बिल्ली उन्हें खा जाएगी।


चूहे कुछ करना चाहते थे। उन्होंने एक बैठक की और उन सभी ने बैठक में बोला की बिल्ली से छुटकारा पाना चाहिए। क्या कोई सुझाव दे सकता है"?

सभी चूहे बैठ गए और चिढ़ गए। एक चतुर दिखने वाला चूहा खड़ा हो गया और बोला, "बिल्ली धीरे चलती है। यही समस्या है। अगर हम उसके गले में घंटी बांध दें, तो चीजें ठीक हो जाएंगी। हम बिल्ली की हरकतों को जान सकते हैं"।

 हाँ, यह जवाब है,सभी चूहों ने कहा। एक बूढ़ा चूहा धीरे से खड़ा हुआ और पूछा, घंटी कौन बांधेगा?कुछ क्षणों के बाद इस प्रश्न का उत्तर देने वाला कोई नहीं था।


नैतिक यही कहता है इस कहानी का की खाली समाधान का कोई मूल्य नहीं होता ।